LATEST ARTICLES

Monday, 18 January 2021


बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के महत्वपूर्ण कथन 

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के महत्वपूर्ण कथन Bal Vikas Shikshashashtra Mahatwapoorn Kathan




बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के महत्वपूर्ण कथन Bal Vikas Shikshashashtra Mahatwapoorn Kathan


  • "विकास आंतरिक एवं बाह्य कारणों से व्यक्ति में परिवर्तन है" अरस्तु
  • "अनुभव द्वारा व्यवहार में रूपांतर लाना ही अधिगम है" गेट्स
  • "अधिगम व्यक्ति में एक परिवर्तन है जो उसके बाद के परिवर्तनों के अनुसरण में होता है" ई ए पील 
  • "सीखना, आदतों ज्ञान एवं अभिवृत्तियों का आयोजन है। इसमें कार्यों को करने के नवीन तरीके सम्मिलित हैं और इसकी शुरुआत व्यक्ति द्वारा किसी भी बाधा को दूर करने अथवा नवीन परिस्थितियों में अपने समायोजन को लेकर होती हैं। इसके माध्यम से व्यवहार में उत्तरोत्तर परिवर्तन होता रहता है। यह व्यक्ति को अपने अभिप्राय अथवा लक्ष्य को पाने में समर्थ बनाती है।"    क्रो एवं क्रो
  • "विकास एक क्रमिक एवं मंद गति से चलने वाली प्रक्रिया है" स्कीनर
  • "बाल मनोविज्ञान का नाम बाल विकास इस लिए रखा गया क्योंकि विकास के अंतर्गत अब बालक के विकास के समस्त पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है किसी एक पक्ष पर नहीं" हरलॉक
  • "बाल मनोविज्ञान वह वैज्ञानिक शाखा है जिसमें जन्म से परिपक्व को अवस्था तक विकसित हो रहे मानव का अध्ययन किया जाता है क्रो एवं क्रो
  • "शारीरिक एवं मानसिक विशेषताओं का माता-पिता से संतानों में स्थानांतरण होना अनुवांशिकता कहलाता है जेम्स ड्रेवर
  • "व्यक्ति अपने माता-पिता के माध्यम से पूर्वजों की जो विशेषताएं प्राप्त करता है उसे वंशानुक्रम कहते हैं।" एच ए पेटरसन एवं वुड वर्थ 
  • "मंदबुद्धि माता-पिता की संतान मंदबुद्धि और तीव्र बुद्धि माता-पिता की संतान तीव्र बुद्धि वाली होती है"- गोडार्ड
  • "पर्यावरण वह चीज है जो व्यक्ति के जीवन के अलावा उसे प्रभावित करती है" एनास्टसी
  • "जो किसी एक वस्तु को चारों ओर से घेरे हुए हैं तथा उस पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालता है वह पर्यावरण होता है। जिस्वर्ट
  • जीव जगत के प्राणियों के विकास, परिपक्वता, प्रकृति, व्यवहार तथा जीवन शैली को प्रभावित करने वाले बाह्य समस्त शक्तियों परिस्थितियों तथा घटना को पर्यावरण में सम्मिलित किया जाता है और इन्हीं की सहायता से पर्यावरण का वर्णन किया जाता है" हॉलीडे एवं डग्लास
  • "सामाजीकरण, सहयोग करने वाले व्यक्तियों में हम भावना का विकास करता है और उनमें एक साथ कार्य करने की इच्छा तथा क्षमता का विकास करता है" रौस
  • "सामाजीकरण की प्रक्रिया वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति सामाजिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रवेश करता है एवं समाज के विभिन्न समूहों का सदस्य बनता है तथा जिसके द्वारा समाज के मूल्यों एवं मान्यताओं को स्वीकार करने की प्रेरणा मिलती है":-किंबल यंग
  • वह प्रक्रिया जिसके द्वारा संज्ञानात्मक संरचना को संशोधित किया जाता है समावेशन कहलाती है जीन  पियाजे
  • ज्ञानात्मक विकास नकल पर आधारित न होकर खोज पर आधारित होता है जीन पियाजे
  • शिक्षा एक त्रिविमीय प्रणाली है जिसके अंतर्गत शिक्षक, बालक एवं पाठ्यक्रम आते हैं जॉन डीवी
  • बुद्धि, अमूर्त विचारों के संदर्भ में सोचने की योग्यता है एल एम टर्मण
  • "बुद्धि व्यक्ति की वर्तमान योग्यता है जिसके द्वारा वह सचेत रूप से नवीन आवश्यकताओं के अनुसार चिंतन करता है। इस तरह जीवन की नई समस्याओं एवं स्थितियों के अनुसार अपने आपको ढालने की सामान्य मानसिक योग्यता बुद्धि कहलाती है" स्टर्न
  • जीवन की अपेक्षाकृत नवीन परिस्थितियों से अपना सामंजस्य करने की व्यक्ति की योग्यता ही बुद्धि है पिंटर
  • बुद्धि वह शक्ति है जो हमें समस्याओं का समाधान करने और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती है राय बर्न
  • बुद्धि किसी व्यक्ति के द्वारा उद्देश्य पूर्ण ढंग से कार्य करने तार्किक चिंतन करने तथा वातावरण के साथ प्रभावपूर्ण ढंग से क्रिया करने की सामूहिक योग्यता है वैशलर
  • बुद्धि कार्य करने की एक विधि है वुड वर्थ
  • बुद्धि ज्ञान अर्जन करने की क्षमता है वुडरो
  • बुद्धि में मुख्य तत्व होते हैं ज्ञान की क्षमता एवं निहित ज्ञान हेन मौन
  • सत्य तथ्यों के दृष्टिकोण से उत्तम प्रतिक्रियाओं की शक्ति ही बुद्धि है थोर्न डाइक
  • "यदि व्यक्ति ने अपने वातावरण से सामंजस्य करना सीख लिया है या सीख सकता है तो उसमें बुद्धि है" कॉल्विन
  • बुद्धि, व्यक्ति कि वे समूचे या सार्वभौमिक क्षमता है जो उसे उद्देश्य पूर्ण क्रिया करने तर्कपूर्ण चिंतन करने तथा वातावरण के साथ प्रभावपूर्ण समायोजन में सहायता करती है वैशलर
  • प्रत्येक बुद्धि एक दूसरे से भिन्न होती है हावर्ड गार्डनर
  • वैयक्तिक विभिन्नताओं से हमारा तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से हैं जिनका मापन या मूल्यांकन किया जा सकता है स्किनर
  • कोई व्यक्ति अपने समूह के शारीरिक तथा मानसिक गुणों के औसत से जितने भिन्नता रखता है उसे व्यक्तिक भिन्नता कहते हैं जेम्स ड्रेवर
  • शरीर के रूप रंग आकार कार्य गति बुद्धि ज्ञान उपलब्धि रुचि अभिरुचि आदि लक्षणों में पाई जाने वाली भिन्नता को व्यक्तिक भिन्नता कहते हैं टॉयलर
  • संभवतः व्यक्ति, योग्यता की विभिन्नताओं के बजाय व्यक्तित्व की विभिन्नताओं से अधिक प्रभावित होता है। टॉयलर
  • शारीरिक क्रिया में सफल होने की योग्यता में एक समूह के व्यक्तियों में भी बहुत अधिक विभिन्नता होती है क्रो एवं क्रो
  • मूल्यांकन का प्रयोग बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व अथवा किसी भी समूची स्थितियों की जांच प्रक्रिया के लिए किया जाता है रॉस
  • रचनात्मक मूल्यांकन में फीडबैक और स्व मूल्यांकन दोनों शामिल होते हैं सैडलर
  • रचनात्मक मूल्यांकन प्रायः इससे अधिक कुछ नहीं होता कि मूल्यांकन बारंबार किया जाता है और अध्यापन की तरह उसी समय किया जाता है ब्लैक और विलियम
  • ऐसे बालक जिनमें ऐसा शारीरिक दोष होता है जो किसी भी रूप में उसे साधारण क्रिया में भाग लेने से रोकता है या उसे सीमित रखता है ऐसे बालक को हम विकलांग बालक कह सकते हैं क्रो एवम् क्रो
  • एक बालक जो शारीरिक दोषों से ग्रस्त है, उसमें हीनता की भावना उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार की भावना से बालक को थोड़ी सी संतुष्टि और प्रसन्नता मिलती है वह इसकी क्षतिपूर्ति प्रतिष्ठा श्रेष्ठता या प्रसिद्धि, प्राप्त करके करना चाहता है इन सब से उसको संतुष्टि प्राप्त होती है जो उसकी शारीरिक दोषों के कारण है। ए एडलर
  • अनिवार्य रूप से किसी नई वस्तु का सृजन करना ही सृजनात्मकता है जेम्स ड्रेवर
  • सीखना, अनुभव या व्यवहार में परिवर्तन है फ्रेंडसन
  • अनुभव द्वारा व्यवहार में रूपांतर लाना ही अधिगम है गेट्स
  • अधिगम व्यक्ति में एक परिवर्तन है जो उसके वातावरण के परिवर्तनों के अनुसरण में होता है ई ए पील
  • सीखना आदतों ज्ञान या अभी व्यक्तियों का अर्जन है इसमें कार्यों क करने के नवीन तरीके सम्मिलित हैं और इसकी शुरुआत व्यक्ति द्वारा किसी भी बाधा को दूर करने अथवा नवीन परिस्थितियों में अपने समायोजन को लेकर होती हैं। इसके माध्यम से व्यवहार में उत्तरोत्तर परिवर्तन होता रहता है यह व्यक्ति को अपने अभिप्राय अथवा लक्ष्य को पाने में समर्थ बनाती है। बालकों में सोचने की योग्यता सफल जीवन के लिए आवश्यक है क्रो एवं क्रो
  • सीखने का अर्थ किसी उद्देश्य इच्छा को संतुष्ट करना होता है वाश वार्न
  • शिक्षण चार चरणों वाली प्रक्रिया है योजना, निर्देशन, मापन तथा मूल्यांकन हफ तथा डंकन 
  • शिक्षण अधिगम हेतु, प्रेरणा पथ प्रदर्शन व प्रोत्साहन है बर्टन
  • सूक्ष्म शिक्षण समस्त शिक्षण को लघु क्रिया में बांटना है डी ऐलन
  • संज्ञानात्मक संरचना बाह्य वातावरण में विचार पूर्वक प्रभावपूर्ण ढंग से तथा सुविधा के अनुसार कार्य करने की क्षमता है स्टोट
  • किसी व्यक्ति ने स्वयं अपने बारे में तथा अपने पर्यावरण के बारे में विचार ज्ञान व्याख्या समझ अवधारणा अर्जित की है वही संज्ञान है हिलगार्ड
  • संवेग चेतना की व्यवस्था है जिसमें रागात्मक तत्व की प्रधानता रहती है जे एस रॉस 
  • किसी भी प्रकार की आवेश आने भड़क उठने तथा उत्तेजित हो जाने की अवस्था को संवेग कहते हैं जरसील्ड
  • संवेग प्राणी की एक जटिल दशा है जिसमें शारीरिक परिवर्तन प्रबल भावनाओं के कारण उत्तेजित दशा और निश्चित प्रकार का व्यवहार करने की प्रवृत्ति निहित रहती है। जेम्स ड्रेवर
  • क्रिया को उत्तेजित करने नियंत्रित करने तथा नियंत्रित रखने की प्रक्रिया को अभिप्रेरणा कहते हैं गुड
  • जिस लक्ष्य के प्रति पहले कोई आकर्षण नहीं था उस लक्ष्य के प्रति कार्य करने की उत्तेजना ही अभिप्रेरणा है बर्नार्ड
  • प्रेरणा व्यक्ति की वह स्थिति है जो उसे निर्धारित व्यवहार करने हेतु तथा निर्धारित उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु उत्तेजित करती है वुड वर्थ
  • उत्तेजना अथवा जागरूकता शक्ति प्रदान करता है लेकिन दिशा निर्देश प्रदान नहीं करते। यह एक इंजन के समान है लेकिन उसका मार्ग परिवर्तित करने वाला साधन नहीं ।
  • पुनर्बलन ही प्रोत्साहन है अर्थात धनात्मक तथा ऋण आत्मक पुनर्बलन ही प्रोत्साहन का काम करते हैं स्किनर
  • विद्यालय का दंड प्रतिशोध नहीं होता है। इसका उद्देश्य प्रशिक्षण है सर्वप्रथम अपराधी का प्रशिक्षण दूसरे उसके अवलोकन से अन्य बालकों का प्रशिक्षण साथ ही उसे तथा दूसरों को पुनः अपराध ना करने से बचाना है' बॉम्पस स्मिथ 
  • शिक्षक बालकों को प्रेरित करके उन्हें अपने ध्यान को पाठ्य विषय पर केंद्रित करने में सहायता दे सकता है क्रो एवं क्रो
  • प्रेरक, छात्रों को अपनी सीखने की क्रियाओं में प्रोत्साहन देते हैं क्रो एवं क्रो
  • प्रेरणा छात्र में रुचि उत्पन्न करने की कला है  बॉम्पस स्मिथ
  • सीखना व्यवहार के फल स्वरुप बिहार में कोई भी परिवर्तन है गिलफॉर्ड
  • ज्ञान एवं अभिवृत्ति की प्राप्ति ही सीखना है क्रो एवं क्रो
  • व्यवहार के अर्जुन में उन्नति की प्रक्रिया को सीखना कहते हैं स्किनर
  • सीखना उस बात को खोजने में जानने का कार्य है जिसे एक व्यक्ति खोजना एवं जानना चाहता है  मर्सेल

हमारे अन्य आर्टिकल>>>

 B.Ed Education In Hindi 

बीएड शिक्षा हिंदी में 

>>>>>>जेंडर और इससे सम्बंधित सांस्कृतिक परिक्षेप्य 

>>>>लिंग का अर्थ। लिंग विभेद।  प्रकार व कारण 

>>>>>पर्यावरण का अर्थ। पर्यावरण का क्षेत्र। पर्यावरण के प्रमुख तत्व

>>>>>>वंशानुक्रम और वातावरण 

>>>>>>शिक्षा मनोवज्ञान व उसकी प्रकृति 

>>>>>>विज्ञान का अर्थ व उसकी प्रकृति 

>>>>>>आधुनिक जीवन में विज्ञान शिक्षण का महत्व 

>>>>>>विज्ञान शिक्षण के उद्देश्य

>>>>>>वैश्वीकरण का अर्थ। वैश्वीकरण में भौतिक विज्ञान की भूमिका 

>>>>>>शिक्षण के विभिन्न स्तर 

>>>>>>शिक्षण व्यूह रचना का अर्थ एवं परिभाषा 

>>>>>>शैक्षिक तकनीकी के विभिन्न रूप 

>>>>>>माध्यमिक शिक्षा आयोग या मुदलियार आयोग १९५२-५३ 

>>>>>>मनोविज्ञान का शिक्षा पर प्रभाव 

>>>>>>मानव संसाधन विकास 

>>>>>>ज्ञान का अर्थ और उसके प्रमुख सिद्धांत 

>>>>>>पिछड़े बालकों की शिक्षा 

>>>>>>गणित शिक्षण का महत्व

>>>>>>गणित का अर्थ एवं प्रकृति 

>>>>>>विज्ञान शिक्षण की प्रयोगशाला विधि 

>>>>>>बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र महत्वपूर्ण कथन 

>>>>>>लॉरेंस कोहलबर्ग का नैतिक विकास की अवस्था का सिद्धांत

>>>>>>जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत



No comments:

Post a Comment