हिंदी दिवस कविता। Poem On Hindi Diwas
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हिंदी दिवस के लिए शानदार कविता । Hindi Diwas Poem |
हमारी भारत माता की है बिंदी,
मस्तक को करती सुशोभित शान हमारी हिंदी,
है जिस मस्तक पर उसे न झुकने देंगे,
कहते हैं हम शान से इसे न छुटने देंगे,
भावों को देती है शब्द हमारी हिंदी,
भारत माता की बिंदी शान हमारी हिंदी।
अंग्रेजी मे मां को मदर कहते हैं,
जो तुतलाते बच्चे वो 'मदल' कहते हैं,
इस भाषा की तुम देखो सरलता अभी,
तुतलाते बच्चे भी मां को मां कहते हैं,
कितनी कोमलता लिए हुए है हमारी हिंदी,
मस्तक को करती सुशोभित शान हमारी हिंदी।
इस देश में अनेक भाषाएं रहती हैं,
बहुत सी संस्कृतियां एक साथ बहती हैं,
विविधताओं की इस भूमि पर भी,
जो हमें एकसूत्र में बांधकर रखती है,
उदारता का भाव लिए है हमारी हिंदी
मस्तक को करती सुशोभित शान हमारी हिंदी।
रचयिता
अनुज कुमार
शोधार्थी (दिल्ली विश्वविद्यालय)
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