Monday, 29 March 2021

शिक्षा की परिभाषाएं definitions of education Shiksha Ki Paribhashayen

शिक्षा की परिभाषाएं definitions of education Shiksha Ki Paribhashayen
शिक्षा की परिभाषाएं definitions of education Shiksha Ki Paribhashayen

विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई शिक्षा की परिभाषाएं निम्न प्रकार हैं :-

  • कौटिल्य के अनुसार शिक्षा की परिभाषा "शिक्षा मानव को एक सुयोग्य नागरिक बनाना सिखाती है तथा उसका व्यक्तिगत विकास करती है।"
  • हेंडरसन के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, " यदि शिक्षा केवल सामाजिक विरासत को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित करती है तो वह केवल अतीत की पुनरावृत्ति करती है। शिक्षा केवल बच्चों की अभिवृद्धि और विकास की प्रक्रिया अर्थात एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सामाजिक वातावरण के रूप में सामाजिक विरासत को उत्तम और बुद्धिमान पुरुषों एवं स्त्रियों के विकास के लिए प्रयोग किया जा सके। यह शिक्षा की वही प्रक्रिया है जिसका समर्थन दार्शनिकों और शिक्षा सुधारकों ने किया है। यही शिक्षा की सत्य धारणा है।"
  • वॉशिंग के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा चैतन्य रूप में एक नियंत्रित प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन किए जाते हैं तथा व्यक्ति के द्वारा समाज में।"

  • प्रिंसटन रिव्यू के अनुसार शिक्षा की परिभाषा," शिक्षा सीखना नहीं है बल्कि मस्तिष्क की शक्तियों का अभ्यास तथा विकास है और यह ज्ञान के केंद्र एवं जीवन के संघर्षों के माध्यम से प्राप्त होती है।"
  • सुकरात के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा का तात्पर्य संसार के उन सर्वमान्य विचारों को प्रकट करने से जो व्यक्ति विशेष के मस्तिष्क में निहित है।"
  • प्लेटो के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा से मेरा तात्पर्य उस प्रशिक्षण से है जो अच्छी आदतों द्वारा बच्चों में अच्छी नैतिकता का विकास करे।
  • अरस्तु के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा व्यक्ति की शक्ति का और विशेष रूप से मानसिक शक्ति का विकास करती है जिससे वह परम सत्य शिव और सुंदर के चिंतन का आनंद उठा सके।"
  • जॉन डीवी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा व्यक्ति की उम्र योग्यताओं के विकास का नाम है जो उसे उसके वातावरण पर नियंत्रण रखना सिखाती है और उसकी संभावनाओं को पूर्ण करती है।"
  • अरविंद घोष के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा से मेरा अभिप्राय बालक तथा मानव में पूर्ण रूप से शारीरिक बौद्धिक एवं आध्यात्मिक बल की सर्वांगीण उन्नति से है।"
  • स्पेंसर के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा में आदतें, स्मरण, आदर्श, स्वरूप, शारीरिक तथा मानसिक कौशल, बौद्धिकता और रुचि नैतिक विचार और ज्ञान ही नहीं विधियां भी सम्मिलित हैं।"
  • गांधीजी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा से मेरा अभिप्राय बालक और मनुष्य के सर्वांगीण विकास शरीर मस्तिष्क और आत्मा से है।"
  • टी रेमंट के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा उस विकास का नाम है जो शैशवावस्था से प्रोणावस्था तक होता ही रहता है अर्थात शिक्षा वह क्रम है जिससे मानव अपने को आवश्यकतानुसार बहुत एक सामाजिक तथा आध्यात्मिक वातावरण के अनुकूल बना लेता है।"
  • टी पी नन के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास है जिससे कि वह अपने उच्चतम योग्यता के अनुसार मानव जीवन को मौलिक योगदान दे सके।"
  • रूसो के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा अंदर से होने वाला विकास है बाहर से एक साथ होने वाली वृद्धि नहीं यह प्राकृतिक मूल प्रवृत्तियों के क्रियाशील होने से विकसित होती है वाह्य शक्तियों की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप नहीं ।"
  • प्लेटो के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा का कार्य मनुष्य के शरीर एवं आत्मा को पूर्णता प्रदान करना है जिसके योग्य वह है।"
  • जॉन मिल्टन के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "मैं पूर्ण तथा उदार शिक्षा उसको कहता हूं जो व्यक्ति को शांति तथा युद्ध दोनों समय में व्यक्तिगत और सामाजिक कार्यों को न्यायोचित ढंग से दक्षता और उदारता के साथ करना सिखाती है।"
  • टैगोर के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "सर्वोच्च शिक्षा हुआ है जो हमें केवल सूचना ही नहीं देती अपितु हमारे जीवन और संपूर्ण सृष्टि में तारतम्य स्थापित करती है।"
  • पेस्टालौजी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "मानव शक्तियों का प्राकृतिक निरंतर तथा प्रगतिशील विकास ही शिक्षा है।"
  • फ्रोबेल के अनुसार शिक्षा की परिभाषा, "शिक्षा एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा में बालक की अंता शक्तियों को बाहर लाया जाता है।"

9 comments:

  1. शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सब मनुष्यों में पहले से विद्यमान हैं। vivekanand

    ReplyDelete
    Replies
    1. बिल्कुल सही कहा आपने

      Delete
  2. Bahut badhiya hai sir
    🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  3. शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके प्राप्त करने से मनुष्य किसी भी वस्तु, स्थिति आदि को टुकड़ों के रूप में समझना और देखना शुरु कर देता है।

    ReplyDelete